जालंधर : ( विजय अटवाल ) : पंजाब में भले ही पिछले साल आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई है मगर करप्शन आज भी वैसी की वैसी ही है। एक तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब में करप्शन को मिटाने के दावे कर रही है वही दूसरी और अवैध बिल्डिंग हर तरफ बन रही है। मगर देखा जाए तो बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों की मिलीभगत से अवैध रूप से कामर्शियल इमारत बनाने का काम जारी है। ताजा मामला लधेवाली रोड़ पर अवैध रूप से कामर्शियल इमारत बनकर खड़ी हो गई है। पर नगर निगम की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस से नगर निगम को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस में बिल्डिंग ब्रांच के ही कई मुलाजिम की सांठगांठ है। बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारी मोटी रकम लेकर अवैध निर्माण करवा रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि नगर निगम के नियमो की धज्जियां उडा़ कर 3 मंजिल अवैध इमारत बनाई जा रही है और अधिकारी हाथ पर हाथ धर कर बैठे हैं।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि भगवंत मान की सरकार में निगम की तरफ से अवैध बिल्डिंग को तहस-नहस करने के लिए पीला पंजा पहुंचाता है या नहीं। आखिर निगम के अधिकारी किस बात की इतनी मोटी तनख्वाह ले रहे हैं। करप्शन मिटाने की सिर्फ बातें ही थी क्या सरकार को धड़ल्ले से बन रही अवैध बिल्डिंग, आखिर दिखाई क्यों नहीं देती अधिकारियों की छत्र छाया और संरक्षण की बदौलत अवैध बिल्डिंग बन रही है। अवैध बिल्डिंग,पर अब तक इतना रहम क्यों किया जा रहा है।
बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों की मिलीभगत से अवैध रूप से कामर्शियल इमारत बनाने का काम जारी है।
महानगर में अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है| यहां पर मालिक ने अवैध रूप से बिना नक्शा पास कराए तीन मंजिला कॉमर्शियल इमारत खड़ी कर दी और नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। पर्दा डाल कर अंदर अवैध निर्माण कराया जा रहा है, और देखते ही देखते। निगम अधिकारियों की मिलीभगत से तीसरी मंजिल का काम भी तेजी से हो रहा है।
बिल्डिंग बाई लॉज़ के मुताबिक न तो इसका नक्शा पास कराया गया और ना ही नियम के अनुसार बिल्डिंग बनाई जा रही है। अब देखना यह है कि नगर निगम के अधिकारी इस बिल्डिंग के खिलाफ कोई कार्यवाही करते हैं अथवा अपनी जेब गर्म करके बैठ जाते हैं।
साथ ही लगते संगम विहार के रहने वाले पंजाब पुलिस परिवार एसोसिएशन के प्रदान भुपेंद्र सिंह ने इस बन रही अवैध बिल्डिंग का विरोध किया है। और कहा कि अवैध बिल्डिंग पर कब करेंगे नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई ।


